टार साले ला,
गांव के नदिया ,
नदिया माँ कोकड़ा,,
कोकड़ा के मुंह में मछरी,,
मछरी,खात है कीरा
कीरा ला होत है पीरा
पीरा जब बाढ़गे
मुंह ला फारके,,
बोलीस कीरा,,,अन्ना,न्ना,न्ना,न्ना,,,
मछरी डररागें,,
कोकड़ा उड़ागें,,
नदिया सुखागें,,,,,
फिर अनशन कर देहि गा ,,,टार साले ला,,,
अनुभव
गांव के नदिया ,
नदिया माँ कोकड़ा,,
कोकड़ा के मुंह में मछरी,,
मछरी,खात है कीरा
कीरा ला होत है पीरा
पीरा जब बाढ़गे
मुंह ला फारके,,
बोलीस कीरा,,,अन्ना,न्ना,न्ना,न्ना,,,
मछरी डररागें,,
कोकड़ा उड़ागें,,
नदिया सुखागें,,,,,
फिर अनशन कर देहि गा ,,,टार साले ला,,,
अनुभव
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