खबर की दुकान,,,,,
शहर के प्रेस में दुकान खुल गयी,,
जहां सच्चाई खबर की तरह बिकती है,,
कमीशन और विज्ञापन उनका वाजीब हक है,,
जिन पे लोकतंत्र की चौथी कड़ी टीकती है,,
अनुभव
शहर के प्रेस में दुकान खुल गयी,,
जहां सच्चाई खबर की तरह बिकती है,,
कमीशन और विज्ञापन उनका वाजीब हक है,,
जिन पे लोकतंत्र की चौथी कड़ी टीकती है,,
अनुभव
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