हाथी देखा बड़ा जानवर,, कैसे पूंछ हिलाता है,, जंगल मे प्यासा रहता है भाग शहर को आता है हे हाथी! घेरी बेरी यू झन आने का कष्ट करो थोड़ा भी जो , है जंगल मे उसमे ही एडजस्ट करो
अनुभव