सोमवार, 19 दिसंबर 2016

कार्यपालक दंडाधिकारी या डंडाधिकारी ,,माने दण्ड देते हुए कार्य का पालन करवाने वाला अधिकारी,, दंडा अधिकारी अब्राहम लिंकन की लोकतंत्र की परिभाषा को मायने प्रदान करता है यानि जनता को कंही भी,, कैसे भी और कितना भी दिया जाने वाला दण्ड,,,दंडाधिकारी मल्टीबेरल मिसाइल की तरह होता है यानि एक बार छूटा तो कई लक्छ ध्वस्त,जंहा ला एंड ऑर्डर पर खतरा दंडाअधिकारी को महसूस हुआ, ,वो लॉ को,,,,च ला,,,,कर देता है,,और एक साथ आंसू गैस ,,डंडा और गोली चलने लगती है ,,,इसे कहते है ऑर्डर,,,
            अधिकारी के ऑर्डर मात्र से 144 की धारा बहने लगती है,,,डंडा खाकर  गिरे हुए एम्बुलेंस में जाते है ,,और घायल धारा 151 से होते हुए जेल की गाडी में
,,अस्पताल में घायल व्यक्ति भी डंडाधिकारी के भय में अपना शव पंचनामा करवा लेते है वंही,,, मुर्दे ,,मृत्यु पश्चात कथन देने लगते है,,,अंततः अधिकारी कई फौती नामान्तरण करके ही वापस आता है,,इस तरह दण्डा धिकारी ,,साक्छात चलता फिरता जनसमस्या निवारण शिविर है,,जो जन ,का ,गन से निवारण करते चलता है,,,

बुधवार, 14 दिसंबर 2016

किस्मत ने जिस दिन नौकरी थमाई
खुद के कोर्ट में,,मेरा इश्तगासा ले आई
जमानत खुद का ,,खुद को मंजूर नही
कैद रहो अनुभव,,अभी दूर है रिहाई!

मंगलवार, 13 दिसंबर 2016

मतदाता सूची

एक थी मतदाता सूची,,और
उसकी बेटी त्रुटि
जो रहती रूठी,,
पर युक्ति युक्त नही होती
त्रुटि जाती भाग ,,
किसी अनुभाग,,
छेड़ते राग,,
कभी दुरुस्त नही होती
आखिर मम्मी ने लगाई डाँट
पढो अच्छे से ,,छः सात आठ
साल भर पाठ,,बाँध लो गाँठ,,
बिन उसके कोई सूचि
तंदुरुस्त नही होती,,,,


शुक्रवार, 18 नवंबर 2016

सोनम गुप्ता

पतझड़ कटे ,,तो सावन आवे
पात झड़े,,नवकोपल छाये
क्रूर सही,,परिवर्तन सच है
कुदरत रंग बदलती जावे,,
नुक्सान में नफा
क्यूँ है खफा
इस दफा,,
सोनम गुप्ता
नही है बेवफा,,,,,,

अनुभव

बुधवार, 16 नवंबर 2016

रद्दा रद्दा में डट्टा
ऑटो आघु आडी पिछल्गा
चौक में चेकिंग,,खड़े हे डग्गा
रयपुर के ट्राफिक ,,मने

मंगलवार, 1 नवंबर 2016

छोटू

जेल तोड़ कर भागा छोटू
था वो सीधा सादा
बम बना के फोड़ूंगा ये
लेकर नेक इरादा

जल्लादों ने मारी गोली
छोटू हुआ शहीद
सेकुलर की रोई आँखे
तोड़ दी सब उम्मीद

मुर्दा छोटू खबर बन गया
भरे सभी अखबार
कैसे भागा,, कैसे मारा
छीना मानव अधिकार

याद रहेगी छोटू तेरी
सुन्दर दहशतगर्दी
जज्बात पे सच्चे वोट पड़ेंगे
इनकाउंटर था फर्जी

अनुभव

सोमवार, 10 अक्तूबर 2016

राम

मुँह में है श्री राम ,,
बगल में रावण है
मंदिर में  श्री राम
शहर में रावण है
व्याकुल है श्री राम
मचलता रावण है
सिमटे है श्री राम
की चलता रावण है
पूजा में श्री राम
और हंसता रावण है
कब होगा काम तमाम
न जलता रावण है





शुक्रवार, 30 सितंबर 2016

दनाका एटम का

दनाका एटम के,
,लुलवात ,,
इस्लामाबाद,,,
तोर अब आई आगे,,,
बजे क़स ढोल
का करबे बोल
ले दुर्गा माँई आगे
गुंडरदेही कस लाहौर
करांची ,आघु का कसडोल
,ले बलूचिस्तान रिसा गे,,
अमरिका भक ले होंगे सेट
किंजर के पेरिस बुडापेस्ट
सुषमा दाई आगे
तभू में बांचे हे कोई चाल
अभु भी जागत हे दोभाल
हमरो भाई आगे,,,
दनाका एटम के,,,,,

अनुभव

















शुक्रवार, 3 जून 2016

टिफिन मने,,

टिफिन मने पँराठा आलू,,,
स्कूल का टिफिन मने पँराठा ,,आलू का सब्जी और आम का आचार,,,प्लास्टिक का डब्बा खुला नही की बीच पिरेड ,, तख्ता में लिखते गुरूजी को भी जना जाता,, की सरसों का तेल ,,कस ममहा रहा है,, उन दिनों क्लास भर के टिफिन का यही व्यक्तित्व होता था,,ऐसे जब किसी छात्रा के टिफिन में ब्रेड जेम देखा तब , मानो ब्रम्ह ज्ञान मिल गया हो,,,,,अच्छा तो ये होता है टिफिन,,, पर  ,,माँ ,,माँ ये नही समझ पाई,,, पराठा की जगह ,,पूरी आलू,,,
               टिफिन का एरियल दर्शन छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के एस 6 कोच के स्लीपर में टँगे हुए हुआ,,जब अमृतसर जा रहे परिवार ने दुरुग पहुचने के पहिले ही पूरा रसोई जमा लिया,,,,हरा नीला भिन्न भिन्न किसम का हॉट पाट,,, थोडा खीरा काट लो,,वो मासी जी वाला आचार देना,,, पापड़ रायता,,,भुजिया,,तमाम प्रकार का मलाई दार सब्जी,,हवा में लटक कर एक नजर में आधा पकवान भी कवर नही हो पाया,,,,इस दर्द में अपनी मेथी आलू और पराठा शर्मा शर्मा के हलक से उतरी,,, दिन भर के ये पक्वान देर रात भी महकने लगे तो झकना के निचे झाँका ,, बिना डिब्बे खुले ही,,,भयंकर आवाज के साथ दूसरे डिब्बे खुले ,,,
                     एक जर्मन का डिब्बा भी देखा था ,,,सुबह से  सीमेंट और ईंटा जमाता मिस्त्री ने जब हाथ धो कर आधे हाँथ का टिफिन खोला ,,,तो फकक सफेद ,,गुरमटिया चाउर दानों का भात,,किनारे पड़ी चेंच भाजी,,प्याज और हरी मिर्च ,,,और जब इसे सान कर बड़े बड़े कौर बाहर निकली जीभ में उलेडे जाने लगे तो मन किया थोडा मैं भी चख  लू,,पर हाय री शर्म,,,आखिर कार  ये सुवाद नोकरी पर आने के बाद मन भर चखा,, अब तो गावँ के दौरे का आकर्षण चूल्हे में बना किसी घर का ऐसा ही भोजन होता है,,जिसके सामने फाइव स्टार क्यूज़ीन भी फेल है,,,पर दुःख ये है की अब गुरमटिया ही नही रहा,, एच एम् टी ,,और न जाने क्या क्या,,
           आज बच्चों की टिफिन देख कर जलन हो जाती है,,चाउमिन,,सेन्डविच,,,,उतप्पम,, पर वो बिन खाये वापस लौट आते है,,,कमाल है,,अपनी टिफिन का पराठा आलू चाहे रोज कंझाते हुए खुलते थे ,,पर आम के आचार की बूच खड़े होते तलक पूरा मैदान साफ़ ,,,अब माँ की बात समझ आई ,,, टिफिन मने,,पराठा आलू
अनुभव

सोमवार, 14 मार्च 2016


देश के मुर्दाबादी ,,जौंहर
अफजल के फरियादी ,,जौहर
कन्हैया  करत हे कंस कस लिल्ला
बाम पन्थ के नाती ,,जौहर



रविवार, 13 मार्च 2016

माँ ने उसे चुना
पिता खुश थे
भाई खुश था
परिवार भी
फिर इक रोज
जब अग्नि के चारो ओर
हम घुमे,,लगा
मैं ,,,जिंदगी ले आया
अपने घर की ,,रसोई से

शनिवार, 20 फ़रवरी 2016

नया सबक

नया सबक,,, सीधे जे एन यु से

आतंकी भी इंसान है
आदर दो आभार दो
लोकतन्त्र गर सच्चा है तो
अभिव्यक्ति का अधिकार दो
उसकी गोली भी व्यर्थ न हो
उसकी गाली भी व्यर्थ न हो
विरोध का एक तरीका है
विश्वविद्यालय में संस्कार दो
प्रगतिशीलता कहती है
बुद्धिजीविता कहती है
सूली पे चढ़ी शहादत को
श्रद्धा का उपहार दो
मेरे देशप्रेमियों,,,अब
अफजल को भी थोडा प्यार दो,,,,

अनुभव