शनिवार, 26 नवंबर 2011

थपरा ता अंगड़ाई हे ,,आघू ता औउ कुटाई हे ,,

पडीस तमाचा चर्रस ले ,,
नेता गिर गिस भर्रस ले ,,
अनशन करेन तो नै पतियाव ,,
नै मानेव अब थपरा खाओ ,,,

देश के भुर्री तापत हो ,,
पेल के पैसा छापत हो ,,,
मनखे जब बगयावत हे ,,
ता गाँधी के राग अलापत हो ,,

गाँधी के बेंदरा अब देखत हे
बोलत हे ,,औउ समझत हे ,,
कोन नंगरा होके नाचत हे ,,
कोन खदर्र पहिन के नोचत हे ,,

जेन जनता ला अंधरा समझे हे ,,
जेन लोकतंत्र ला जेब माँ गोंजे हे ,,
तेन ये भोरहा माँ मत बैठे
इन्हा भगत सिंग घलो जन्मे हे ,,

थपरा ता अंगड़ाई हे ,,
आघू ता औउ कुटाई हे ,,
मनखे के पीरा ला दूर करो
यही माँ तुम्हार भलाई हे ,,,,,,,,,,

अनुभव

सारी मुर्गिया,,,कसाब खा गया,,

जख्म भर भी नहीं पाए ,,,और देश शर्मिंदा है ,
 मुंबई तेरी धरती पे  ,,, आज भीं कसाब जिन्दा है ,,,

हम  माहिर है  ,,,अपने दर्द भुला देने में ,,,
 और शहीदों की ,,,मैयत को कन्धा देने में ,,

इंसाफ  मजबूर है ,,,देरी उसकी आदत जो है ,,
 तंत्र  मजबूर है ,,,,  करनी उसे सियासत जो है ,,,

देश की सारी मुर्गिया,,,कसाब खा गया,,,
मेहमान नवाजी ऐसे हुई ,,की मजा आ गया ,,,

जब तू फाँसी चढ़े ,,तो शायद मै भी न रहू ,,
किस कसाब के हत्थे चढू ,,,कैसे  कन्हु,,,,,

अनुभव


रविवार, 6 नवंबर 2011


छत्तीसगढ़ हा आज कल बदल गे हे ,,
नवा नवा फेसन निकल गे हे ,,,
पाछू कोनो मिले बर आए,,
ता पूछे ,,का साग खाए  ,,,,,
आजकल ,,किथे ,,हाय ,,,
असिने एक दिन दुकालू बोधन ला हाय कर दिश ,,
बोधन किथे
कैसे  गा एकर   का मुड़ी कान पिराथ हे  ,,
जेन पीरा के मारे हाय -हाय चिल्लाथ   हे ,,
दुकालू बोलिस ,,अरे ज़ोजवा ,,
नै जानस,,,  ये शहरी  फेसन हे ..
कोई ले मिले ला हाय किथे ,,
औउ कोई ला बखाने बर ,,हाय - हाय किथे ..




रविवार, 30 अक्तूबर 2011


खबर है या फिर  इश्तिहार है ,,,
वे कहते हैं ,,की यह अख़बार है,,
जो छुपा है ,,जिस कारण से भी छुपा है ,,
वही समाचार है ,,बाकि सब बेकार है ,,,

अनुभव

सरकारी अस्पताल vs 5 स्टार अस्पताल ,,

एक दरी बोधन ला कुकुर चाब दिस ,,
मेकाहारा गिस ,डाक्टर किथे ,,
कुकुर को लाओ ,,ओकर चेक अप होही 
कुकुर ला होही रेबीज ,,,,तभे सूजी लगाबो,,
14 इंजेक्सन ,,फ़ोकट माँ काबर बोहाबो
कुकुर ला पात ले ,,,बोधन खुदे भोंकत हे ,,,
तिन गाँव वाला ला चाब के ,,खम्बा खोजत हे

अब सरकारी अस्पताल ,,होगे हे जी के काल,,
पाकिट माँ मॉल ,,तेकर बर 5 स्टार अस्पताल ,,

प्रएवत अस्पताल के भी चोचला भारी हे ,,
उन्हा आज नगदी ,,काली उधारी हे ,,
दुकालू दू महिना ले एडमिट ,,
एक दिन कल्ला के डॉक्टर ला पुछिस ,,
कस गा मोला का बीमारी हे ,,
डॉक्टर किथे ,,,लागथे थर्ड स्टेज बबासीर हे ,,
खून बोहा गे हे ,,हार्ट ओस्का गे हे ,,
जाँच जारी हे ,,,के तोला का बीमारी हे ,,
ढाई सौ जाँच के बाद ,,जब होइश डिशचार्ज ,,
तो बबाशिर ता शिरा गे ,,,फेर बिल ला देख के छाती पीरा गे ,,
बबाशिर के मरीज ,,,ला अपन बबा याद आगे ,,,,,,,,,

अनुभव

शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2011

खायपुर,,,,या ,,,,,,,,रायपुर


खायपुर,,,,या ,,,,,,,,रायपुर

रायपुर होगे खायपुर,,
जेला पाबे बोजत हे ,,
जेकर टोटा आधा बोजाय,,
तेन होटल बासा खोजत हे ,,

चारो कोती समोसा भजिया
आलू चाप  तलाथ हे ,,
 लाइन लगा के भीड़ खड़े हे ,,
हबरस हबरस खात हे ,,

राज बने ले खुलिस  खजाना ,,
सबो के लार चुचवा गे
जतका   खखाय भुखाय,,
रायपुर माँ  खीचा गे ,,

मंत्रालय ,,सबले बड़े होटल ,,
जिन्हा रोजे  टेंडर रंधाथ हे ,,
बिस्सैया ,,बन्नैया दुनो भुक्कड़ ,,
अपन अपन हिस्सा पात  हे ,,

हर बिभाग  के अपन रसोई  ,,
रोज के बाढ़त सेल हे
सरकारी होटल माँ बने मिठाथे
टुलिप ,बेबीलोन फेल हे


अनुभव

मंगलवार, 25 अक्तूबर 2011

मॉले मॉल,,,,,,,,,,

ऐति मॉल ओति मॉल,,
जेति जाबै तेति मॉल
पुरा शहर मॉलेमॉल हो गें
साले कमइया के जी के काल हो गें,,,

महीना भर तै कमा
ईक दारी मॉल ता जा
ऐला बिसा अंऊ ओला बिसा
तहा ले सनीमा दिखा
होगें ना खाली खीसा
माल देदे के ठनठन गोपालहो गें,
साले कमइया के जी के काल हो गें,,,

अनुभव
टार साले ला,

गांव के नदिया ,
नदिया माँ कोकड़ा,,
कोकड़ा के मुंह में मछरी,,
मछरी,खात है कीरा
कीरा ला होत है पीरा
पीरा जब बाढ़गे
मुंह ला फारके,,
बोलीस कीरा,,,अन्ना,न्ना,न्ना,न्ना,,,

मछरी डररागें,,
कोकड़ा उड़ागें,,
नदिया सुखागें,,,,,

फिर अनशन कर देहि गा ,,,टार साले ला,,,
अनुभव
,सत्ता के दलालओ ,बात माँन लो ,,या फिर सिर कौ पिटोगें
लोकपाल नही हिटलर होगा,,, कैसे ऊससे नीपटोगें,,,

मां की दलाली कर के कमाई अपने जीवन की रोशनी
न्याय नही जब,,तुम दे सकते ,,बेसटील जैसे फूटॉगें,,,,
,सत्ता के दलालओ ,बात माँन लो ,,या फिर सिर कौ पिटोगें
लोकपाल नही हिटलर होगा,,, कैसे ऊससे नीपटोगें,,,

मां की दलाली कर के कमाई अपने जीवन की रोशनी
न्याय नही जब,,तुम दे सकते ,,बेसटील जैसे फूटॉगें,,,,
लल्ला लल्ला लोरी
दूध की कटोरी
दूध में था यूरीया
मुन्ना पी के रो दिया,,

मुन्ना बोला रे मइया ,,,
दूध हुआ है जहर,
सियासत की तरहा,,,
ईसकी फीतरत को समझ
झूटी सफ़ेदी पे न जा,,,,,

अनुभव
खबर की दुकान,,,,,

शहर के प्रेस में दुकान खुल गयी,,

जहां सच्चाई खबर की तरह बिकती है,,

कमीशन और विज्ञापन उनका वाजीब हक है,,

जिन पे लोकतंत्र की चौथी कड़ी टीकती है,,

अनुभव

आज - कल के,,,लइका ,,

आज - कल के,,,लइका ,,

आज - कल के,,
नान चुन लइका ,,
डीमांड करे ठऊका,,
टोटा फ़ाड़ के रोये के,,
खोजत रीथै मऊका,,
नाश्ता माँ पास्ता,
खाना माँ बर्गर,,,
भात डार नई मीठाय,
पिज्जा खाही पेट भर ,,
स्कूल माँ आथै बुखार,,
मॉल जाए बर झट ले तैयार
वीडियो गेम के बहीया ,,,
लगे रीही आंखि फार,,
दाई ददा पालक हे,,
साग असन भूनाओ,
जेन मांगथ हे मान लो,,
लेक्चर झन पीलाओ,,
रोज के अलवाईन माँ जब मुँड़ी पीरा माँढ़ जाथै
तब अपन दाई ददा बर मया बाढ़ जाथै,,,

अनुभव,,,,,
क्या फर्क पड़ता है ,,,,

हाँथ है या फूल है ,,
अंतर करना फिजूल है ,,
सत्ता ,,सिम्बोल बदल सकती है,,
चरित्र नहीं ,,,
पांच साल लूट की नीलामी
में सहमती देकर
आम आदमी तो न्यूज़ चैनल
देखने में मशगूल है ,,,
जिसे परिवर्तन कहते हो
वह दुसरो को दिया गया मौका है,,,
आखिर ,,,,,,,,,,
सर्वांगीं विकास लोकतंत्र का मूल है ,,,

अनुभव
है ,,पपी देवारी ,,,,

बोधन ले पुछिस दुकलहा,,
ऐ हैप्पी देवारी का हे जी ,,
बोधन किथे ,,,,,
अरे जोजवा ,,देवारी हवे धन लक्ष्मी के तिहार ,,
तेकर देवारी हैप्पी ,,जेकर तीर मॉल ,,,
सबो दिन एके बरोबर ,, जेन ठन ठन गोपाल ,,
ऐ दिन पैसा ला जरो के अउ लक्ष्मी पाथे
फटाका ओती जराथे,,,ताप एती जनाथे,,
गरीबहा दिया असन खुदे बरथ हे जी
एक चेपटी धराय है ,,
ओला पी ,,,होगे हमार है ,,पपी देवारी ,,,,

अनुभव
दुष्यंत जी के प्रति पुरे आदर के साथ ,,हो चुकी है पीर ,,पर्वत सी पिघलनी चहिये,,का छत्तीसगढ़ी अनुवाद ,,,,,,,,,,,,,,,

कब ये पीरा ,,,,,,पहार असन ट्गलही,,
हिमालय भीतरी ले,, कब गंगा निकल्ही ,,
चिल्वास करना ,,,,,,,,,,,,मोर धंधा थोर हे ,,
मोर जांगर चले ता ,,,जम्मो व्यवस्था बदलही,,
तोर छाती नै ता,,, मोर छाती ला बरा ,,
काकरो भी पिछु लागे,,,सिगड़ी ता सुलग्ही ,,,,

अनुभव

रविवार, 23 अक्तूबर 2011

यूँही ,,,,,,,


यूँही ,,,,,,,

सरकारी दफ्तरों में  काम  के तकाजे होते हैं ,,
हर मेज के निचे खुले दरवाजे होते हैं ,,

उस  बाबु ने दफ्तर  का,, विधान लिख लिया ,,
थूक कर दिवार पे  ,, सविधान लिख दिया  ,,

साहब बड़े सीधे है ,,,,मैडम कहती है ,,,,,,,,
एक ऐसी  नदी भी है ,,जो ऊपर को बहती है ,,

अनुभव

शनिवार, 22 अक्तूबर 2011

अडवानी बबा ,,,,जगा सरकार के चेतना


अडवानी बबा ,,,,जगा  सरकार के चेतना

जेन तोर बर रथ हे ,,हमर बर  बस हे ,,
जेन तोर जन चेतना ,,हमर बर चेतावनी ,,
ऐ बबा घेरी बेरी मारथे पलटी ,,एकर गोठ ला पतियाव नी,,
तैं ता दुसरे च हस ,,,तोला का सुनाबो
अपने सरकार के करम फूट गे ,,काला बताबो
ओला  लाज नै आईस,,जेन  फूल माला पहनैयश,,
जेन बाटिस बताशा  ,,,औउ फोडिस फटाका ,,
उन  दाई माई मन ले पूछ,,काला किथे धमाका ,,
जेकर छाती  के  खून ले आज बस्तर के धरती लिपाथ  हे ,,
जेकर शहादत के आंशु ले हमर आंखी डबडबाआथ   हे ,,
चेतना हमला नहीं बबा ,,ऐ सरकार ला चाही ,,
शोक के दिन माँ  ,,जेन आज तिहार मनाथ  हे ,,

अनुभव


शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011

काजल की कोठारी में ,,सब सफेदपोश हैं ,,
जिन्हें प्रश्न उठाने थे ,,,,वे खामोश हैं ,,,
संसद के गलियारे में ,,कुकुरमुते उग गए है
मैंने दिया था पानी ,,ये मेरा दोष है ,,

अनुभव

जेहादी के लिए,,,मेरे सवाल

जेहादी के लिए,,,मेरे सवाल

तू यूं बारूद पे तिलि,, दिखा के चल दिया
जो बह गया जमी पे, तेरा भी खून था मेरा भी खून था,,

तेरे जसबात की बाते,,ना मै समझ सकु
मेरे भाई क्या इतना ,,,भी मै मसगूल था,,

जो मारा गया उस शख़्स के चीथड़ों को जोड़ कर,
बता,मुझे वो राज था की मकबूल था

तेरा जेहाद जिन धमाको का है मोहताज,,
तड़पती हुई हर लास में खुदाया रसूल था,,,



Anubhav 
Jago madam jago

ye panktiyan arpit hain ,,ajj kal chal rahe tamashe ko

Baba bole,Anna bole,bole Diggi raja,
Madam ji app kab bologi,,,desh ka baj gaya baja
Bhukhe nange log dekhte,, jag gayi hai asha
do ,char dande our laga do,,par abb mat dena ghhansa
sat samundar par pada hai, mal hamara thhansa
abb to usko ghar mangwalo,,khatam karo ye tamasha
UPA govt door ki policy banati hai,
nasamjhh janta samajhh nahi patti hai,

diesel ke rate badhne se ,,diesel gadi kam ho jayegi
giribo ke lye,, sarkar kitni subsidy bachaegi,,

kerosin to mahila utpidan ka hathiyar hai,,
bahunon ko bachane ke liye lagi huiee sarkar hai

rasoi gas ke dam badhana emergency hai
report mili hai ki BABA RAMDEV ki ekk gas agency hai
बचपन की चोरी,,,,,

गर ऊस बच्चे से भी,,, सौदा कर लेता कातिल
माँ की साँसो के लीऐ,,,हर आशु मोती बन जाते,,

जाने किस लालच से चला तेरा खनजर,,
तू तो सिर्फ ले गया,,छिन के दो बचपन,,

मां मरति नही, आँचल बस छूट गया ,
चोरी की कैसी, की बचपन लूट गया,,,

अनुभव

नोनी के मया


नोनी के मया
नोनी तोर मया के पिचकाट मैं
दाइ,ददा,भुलागें,
छह महिंना बितागें,
का पाएव नोनी ,
लूवाठ मैं,,,
चौदह के प्रपोज मारएव,,,
,गिफ्ट ला जिम देश,
बताथव,बताथव,कईके ,,,
,समोसा घलो लील देश,
कपाट ला खटखताव तो,,,
कुकुर ला ढील देश,
तोर घर के चक्कर मारेव ,,,
साठ मैं
का पाएव नोनी ,
लूवाठ मैं,,,
खावेव तोर बापके गाली
भाई घलो मुटंका मारीस
बाचे ला पुलिस फाड़ीस
पचास टन लव लेटर मा
पांच बोतल लोहू बोहागीस
तोर ऐश्वर्या जैसे नखरा ले
होगें हो नोनी ऊंचकाट मैं
का पाएव नोनी ,
लूवाठ मैं,,,
अनुभव
कांग्रेस कार्यकर्ता के मन के

मंत्री पा गेंन गा,,,
हमुं मन छा गेंन गा,
सात साल के लाघन,,छूटगीस
बरसगें बादर,धारा फूटगीईस
खराब दिन पहा गें गा,,,

अब्बर दिन में सुने हस दाई
कांग्रेस भवन में जामगें काई
सबो के मुंह में परगें झांई
तब जा के हमरं बारी आईस

कई झन के थोथना सूजगें,
अब टार तोरं मुंह ला
मंत्री पा गेंन गा,,,
हमुं मन छा गेंन गा,
दुनो कोति के,,,,,,,,,,,,,,

ना मोर हे ना तोर हे,,,
ये सरकार नीपोर हे
ऐ कर गोठ ला मत पतिया
सबो ला बनाथै चूतिया
बस अपने खीसा भरे बर,
यहु ला धर वहु ला धर
कुछ छोड़बे गा हमरो बर,

ऐकर हदराई के ना ओर हे,ना छोर हे
ना मोर हे ना तोर हे,,,ये सरकार नीपोर हे

अनुभव
नवा बिहान,,,,,,,,,,,

तोड़ीस अनशन सीयान ,,,
ता होगें, नवा बिहान,,
भ्रष्ट तंत्र के मंत्र सीरा गें,,
चोट्टा मन के आई आगें,,
जब जागीस समारू,,
जब जागीस दुकालू,,
डररा गें तिवारी,,
रीशा गें लालू,,
बना लीस मनखे,,
अपन बर विधान
संसद बनगें,,,
राम लीला मैदान,,
होगें, नवा बिहान,,

अनुभव,,,,

बुधवार, 19 अक्तूबर 2011

बिचारा शिक्षा कर्मी ,,,


बिचारा शिक्षा कर्मी ,,,

न ठेठरी  हे न खुरमी हे ,,
न रेती हे न मुरमी हे ,,
आधा बीच माँ लटके हे ,,
तेन बिचारा शिक्षा कर्मी हे ,,
बोले बर गुरूजी
दू सौ रूपया रोजी ,,
अपने जीवन मुर्कूटाय हे ,,
लइका मन ला लुवाट सोजही,,
भाटापारा  पोस्टिंग ,,
रायपुर ले जाथे
बारह  ले  तीन के बीच   ,,
जतका आथे पढ़ाथे ,,
मध्यान भोजन के भात  खाथे,,
तभे पोसाथे,,
अतका हटर हटर कर के
राज्य के भविष्य बनाथे,,
ज्यादा ,,उम्मीद करना बेशर्मी हे ,,
तिर्शंकू असन लुलवात हे ,,
तेन बिचारा शिक्षा कर्मी हे ,,

अनुभव

सोमवार, 17 अक्तूबर 2011


गर्द तेरे मुक्कद्दर में है ,,आम आदमी
खा ले जम्हूरियत का प्रसाद समझ कर ,,

अडवानी बबा,,,,,,,,,पधारो हमारे देश

अडवानी बबा,,,,,,,,,पधारो हमारे देश

अडवानी बबा हमारो मोहल्ला माँ ,
थोड कनी रथ ला घुमा दे ,,
तोर PM बने के तो नै दिखत हे ,,,
इही बहाना हमर सड़क ला तो बनवा दे ,,
a/c रथ में तोर मुहु ता मस्त लाल हे ,,
धुर्रा खा खा के इन्हा मनखे बेहाल हे ,,
ऐ दरी बने किरिया खाबे ,, झंन मारबे लबारी ,,
नै ता कसम ले पलटना ,,है तोर खराबी
पहिली भी
हम कसम राम की खाते है,,, कई के घेरी बेरी जोजिया देश ,,
मंदिर ला ता नै बनवाएस ,,,तीन पइत के सरकार ला बना लेश ,,
ऐ झरती के यात्रा माँ ,,कुछु नै हे शेष ,,
राद्दा बन जाही तोर आये ले ,,
कई के ,,,,,पधारो हमारे देश ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

अनुभव

छत्तीस गढ़िया खाना ,,,नई पास

छत्तीस गढ़िया खाना ,,,नई पास

छत्तीसगढ़ में सबो कोती के मिलथे पकवान
फेर छत्तीस गढ़िया खाना के नई हे एक ठन दुकान
मद्रास के बिरयानी ,,इडली औ डोसा ,,
यु पी के चाट ,,,गुपचुप समोसा ,,
दिल्ली के छोल्ले भठूरे ,,दही भल्ले ,इमरती,,
गुजरात के दाबेली ,,ढोकला ,,फल्ली बर्फी ,,
रजिस्थानी थाली औउ बम्बई के वडा पाव
बंगाली रसगुल्ला औउ कश्मीरी पुलाव
इटली के पिज्जा औउ अमेरिका के बर्गर
चीन के चौमिन औउ कांटिनेंटल सिजलर
तभो ले
कोनो दुकान चीला ,फरा ,पीडिया नई बनाय,,
छत्तीसगढया अपने खाना नई खा पाय ,,

अनुभव

छत्तीसगढ़ ,,,,,,, शून्य बटे सन्नाटा ,,


छत्तीसगढ़ ,,,,,,, शून्य बटे सन्नाटा ,,

कमाल हे छत्तीसगढ़ राज के भ्रस्टाचारी,,
हमरेच  इन्हा नै चले कोनो इन्क्वारी ,,
जम्मो देश के नेता पकडावत हे ,,
कोनो जेल कोनो हॉस्पिटल जावत हे ,,
इन्हा  सबो  कम्बल भीतरी खीर खावत हे ;


चारो  मुड़ा हवे  घोटाला के धमाका ,
कोनो टिकली कोनो सुतरी फटाका,,
अउ यंहा शून्य बटे सन्नाटा ,,
कोनो तो   पकडावाओ रे ,,
अतका मत  पिछ्वाओ  रे  ,,
छत्तीसगढ़ के भी  बोहनी  बट्टा  करवाओ  रे  ,,

अतका ईमानदारी  नै  पोसाय ,,
टोटा तक   बैठे  हो   खाय  ,,
यंहा के मनखे सिट्टा गे हे
आठ साल  में   मन  उचटा गे हे
हमरो मनोरंजन  के  जुगाड़  कर  दो ,,
एकात घोटाला  उछर के,,, ऐ दरी  उद्धार   कर  दो

अनुभव      

सोमवार, 10 अक्तूबर 2011

भगवान के ,,,,,,,टैक-ओवर ,,,,,,,,,,,,,,,,

भगवान के ,,,,,,,टैक-ओवर

शहर मा एक मंदिर के दिन फिरा गें ,,
हनुमानजी ला तीरिया के साई बाबा आमा गें ,,
पाछू मंदिरचौरा,, तीरीपाशा के मैदान रीहीश,,,
बस मंगलवार के बजरंग बली के कल्याण रीहीश,,,
अब हफ़्ता भर हाउसफुल आरती जाथै,,
गुरुवार के तो पून्नी मेला भराथै,,
फूल नरियर अऊ तेल के दुकान सज गें ,,
दु घर बाद शनि सिंघानापुर बस गें ,,
नरियर अऊ माला माँ बाबा होगें सेट,,
आधा लीटर तेल माँ शनि देव फ्लैट,,,
एक दिन बजरंग बली होके परेशान,,
बोलीश कैसे सीयान,,
तोर महतम भारी बाढ़ गिश,,
मोर पूरा भगत मन माढ़ गिश,,
साई कैथै,,
फैशन के ज़माना है हनुमान,,
आज मार्कएट में बनथै भगवान,,
श्रद्धा सेंसेक्स संग चढ़ते अऊ गिर जाथै,,
जेन कम बिकथै तेकर दिन फिर जाथै,,
बाजार के भाषा मा ईही टैक-ओवर कहलाथै,,,,,,,
अनुभव,,,,,

रविवार, 9 अक्तूबर 2011

सुलभ संडास और विकास ,,,,,,,,,,,,,,


सुलभ संडास और विकास ,,,,,,,,,,,,,,

सियासत के लब्ज फिक्स हैं विकास के लिए ,,
फंड  खुल रहे ,,सुलभ संडास के लिए ,,
नालियों में देश का भविष्य बैठ  कर  ,,
चुन रहे है कीड़े समाज के लिए ,,,,

संसाधनों का लोटा खाली कंहा हुआ है ,,
किसकी है प्यास बुझी  ,,ये सबको पता है
समता का पाठ जिसने माइक से है पढाया ,,
मेरी झोपड़ी हटा कर बंगला बना लिया है ,,

अनुभव

मंगलवार, 27 सितंबर 2011

छत्तीसगढ़ में एक बाघिन की न्रिशंश हत्या पर ,,,

छत्तीसगढ़ में एक बाघिन की न्रिशंश हत्या पर ,,,,,,,,,,,,,

तेरा निजाम है ,इन्सां
सारा संसार तेरा है,
ये नदिया , ये जंगल ,,ये पर्वत 
सब घर द्वार तेरा है,,,
सगोन तेरे हैं हर साल तेरा हैं,
सरकार तेरी है ,,,और भगवान तेरा है ,,,
क्या यह भूल थी मेरी ,,जो तेरे रास्ते आई,,
नहीं यह भूख थी मेरी ,,जिसके वास्ते आई ,,

तेरी सरहद चली आई ,,,हु जानवर आखिर ,,
जो तू दायरा देता ,,,तो भूखी लौट भी जाती ,,,
दुःख यह नहीं ,,,की कुत्ते सी मौत है मारा ,,
दुःख यह बड़ा है ,,आदमखोर कह मारा ,,
मेरी औकात ,,क्या जो तेरा खून भी चख लू 
ये गाली है ,,मेरे शेरत्व को ,, हमारा भी जमीर होता है ,,,
तेरा भगवान है ,,,मेरे हिस्से से बस इतना मांग लीजो ,,,
अगले जनम मोहे शेर न कीजो ,,,,,,,,,,

अनुभव

मीतान ,,,,,,दिवस

मीतान ,,,,,,दिवस

मुनगा अऊ खेड़हा,,,ऐके समान
जैसे रमन अऊ जोगी ,,बदे हे मीतान
एक हे गुतूर ,
दूसर हा टाथ,,,
एक मसाल हा भूजाथै ,,
दूसर ला अमटहा पकाथै,,
ऐला बिहीनया खा,,,
ओहा रात में मीठाथै,,
आने हे साग,,
आने सुवाद,,,
तभो ले बनथ हे अपन अपन काम
तो ,,बदे हे मीतान ,बदे हे मीतान ,,

अनुभव,,,

संसद में गदागदी,,,

संसद में गदागदी,,,

संसद में खेलथ है गदागदी खेल,,
सिन्हा हा माकन के निकाल दिश तेल,,
कांग्रेस के पीठ मा चररस ले लागीश,,
येदियुरप्पा के पीरा शीला दीक्षित मा बूतागीश,,
सबो हैं नंगरा जेती पाय मार,,
तै ओला पटक तै ओला कचार,,
काम के बेरा मा कुकुर असन कुकवाथो,,
चीलवाश करे के घलो रोजी पाथो,,

बाहीर अऊ भीतरी दुनो कोति सकेल,,
संसद में खेलथ है गदागदी खेल,,,

अनुभव

अन्ना ,,,,चाऊर ला नीमार

अन्ना ,,,,चाऊर ला नीमार

अन्ना ये चाऊर ला नीमार दे,,
गोटी अऊ पत्थरा डोहार दे,,
मुंड़ी पीराथ है सरकार के,
ओकरे मुंड़ी मा कचार दे,,

दियार असन चाटथ है देश ला ,,
गरावा असन खावत है खेत ला,,
बोड्डी मे बोजाए हे अमरीत,,,
सनजोर होके लेबे नेत ला,,
एके बान मार,,सबो कोती फार,,
तहा ले बहरी लेके बोहार दे,,,,
अन्ना ये चाऊर ला नीमार दे,,

अनुभव

भ्रष्ट मोगली,,,,,,,,,,,,,,

भ्रष्ट मोगली

जंगल जंगल बात चली, पता चल गया,,
चड्डि पहन के फूल खीला,,नेता बना गया,,
अब हर पशु पक्षी शर्मीदा ,,है,
जंगल का माँहोल ईतना गंदा है,,
पेड़ पौधे भी घूस लेते है ,,
पैसे ले के ही फल देते हैं,,
शेर शिकार नही करता है,,
राजा हू कहते हुऐ भी डरता है,,
हिरण भी तभी घास खाता है,,
जब पुरा कमीशन पटाता है
हर एक ओर भ्रष्टाचार है,,
जंगल में भी अब लोकपाल की दरकार है,,,

भ्रष्ट मोगली सब को चूस रहा है जैसे गन्ना,,,
जंगल संकट में है अब आ जाओ अन्ना ,,,

अनुभव

एभरी बैला,,, हैप्पी पोला,,

एभरी बैला,,, हैप्पी पोला,,

जहा बिहाव होगें,,जोता गीस बैला
तोला आऊ मोला हैप्पी पोला
डऊका ठेठरी, असन मुँरकुटा जाथै,,
सबो सुख ,,खूर्मी असन सुखा जाथै,,
जेन सुख बाच गीस ओ ला,,
तिजा ऊपास मा फरहार शंग खा जाथै
सबो कोती ईही हाल,जांजगीर जा या न्नैला
जहा बिहाव होगें,,जोता गीस बैला

अनुभव

कमल विहार के,लीला,,,,

कमल विहार के,लीला,,,,

गांजा पी के,बोधन के मुंड़ी फिरगें
पत्थरा माँ हपटगें,, खातू घुरवा माँ गिरगें,,
एकसाल गें ले अशोढीया साँप के पूंछि पकड़ के बाहिर आईस,,
तो का पायीस,,,,कमल विहार,,,,
चारओ मुंड़ा गांव बदलगें हमार,,
चार लेन के पक्की सड़क,
मारे तड़क-भड़क
खेतखार माँ डुप्लेक्स तनगें
पंचायत भवन तीर मॉल बनगें,,
नवा बगीचा नवा स्कूल
तरीया ऊपर बनगें क्लब आऊ स्विमिंग पूल,,
ईहि ला कहींथै चमत्कार,,
भारी विकास कर दीस रमन सरकार,
पर विकास तोर,लीला
कहु छाबड़ाहाउस,,कहु अग्रवालसदन,,कहु शर्मा विला,,
विकास के नाम ले गांव मा शहर अमा गें,,
फेर दूकालू, समारू,सुकवारो कहा गें,,
कमल विहार ,,तोर अत्याचार मा,,
अपनधरती ले
छत्तीसगढ़ीया सीरा गें,,,,

अनुभव

नवा तीरीथ,,,,बैंकॉक, पॅटाया, ,,

नवा तीरीथ,,,,बैंकॉक, पॅटाया, ,,


कल के गंजेड़ी बोधन
आज गांव भर मा छाये हे
दु गाड़ा धान बेचके,,,
नवा तीरीथ करके आये हे,,

रमऊ पूंछिस
केती गें रेहेश भाया ,,
अऊ कन्हा,,,
बैंकॉक,अऊ पॅटाया,,
का लाईस बोधन,,,थाई बाथ $
का पाईस बोधन,,,थाई बाथ ???
देश भर मा भगवान बुद्ध के राज हे,
परसाद मा बढ़ीया थाई मसाज हे,,
दु बोतल जल अऊ बालू धर के लाये हे
वाकीग स्त्रीट के ,,परिक्रमा करके आये हे,,
अगला फेरा माँरे बर,
गांव के हर मनखे तैयार
सबो तीरीथ एक बार
बैंकॉक, पॅटाया,
बार,बार

अनुभव,,,,

नवा तीरथ बैंकाक पटाया

नवा तीरीथ,,,,बैंकॉक, पॅटाया, ,,

कल के गंजेड़ी बोधन
आज गांव भर मा छाये हे
दु गाड़ा धान बेचके,,,
नवा तीरीथ करके आये हे,,

रमऊ पूंछिस
केती गें रेहेश भाया ,,
अऊ कन्हा,,,
बैंकॉक,अऊ पॅटाया,,
का लाईस बोधन,,,थाई बाथ $
का पाईस बोधन,,,थाई बाथ ???
देश भर मा भगवान बुद्ध के राज हे,
परसाद मा बढ़ीया थाई मसाज हे,,
दु बोतल जल अऊ बालू धर के लाये हे
वाकीग स्त्रीट के ,,परिक्रमा करके आये हे,,
अगला फेरा माँरे बर,
गांव के हर मनखे तैयार
सबो तीरीथ एक बार
बैंकॉक, पॅटाया,
बार,बार

अनुभव,,,,

छत्तीसगढ़ईया मधु शाला,,,,,,,,

छत्तीसगढ़ईया मधु शाला,,,,,,,,

मुनत चेपटी,,मोहन अदधी,,चखना गौरी शंकर हे,,
बाचे मंत्री एके पैग हे,,रमन सिंह हा बम्पर हे,,,
ड़ीसपोसल धर ले छत्तीसगढ़ईया,,,
बोहावत हे बिकास के हॉला ,,,
चारो मुंड़ा मस्त रहो अब
छत्तीसगढ़ बन गें मधु शाला,,,,,,,,

अनुभव,,,,,

जमीन खोज लो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दबी जूबा से कब तक चिल्लाओ गे ,,
हवा तेज है कभी बाहर तो आओ गे,,
अब लगी सड़ने सियासत की लास,,,
जमीन खोज लो इनको कन्हा दफनओगे,

वे लोकतंत्र पे बिल बिलआते कीड़े हैं,,
हमारे ज़ख्म से उनका उदर भरर्ता हैं,,,,
वे पिशाच हैं खादी का कफन ओढए हूए,,
हमारा खून ही उनके देह पे चड्ढर्ता हैं,,
कब तक रोओगे,छटपटओगे,,
जमीन खोज लो इनको कन्हा दफनओगे

,क्यों जीते हो अंधेरो मे,,,
ज़हॉकी रोशनी स्वानओ ने चुरा ली है,,
हमने डाली है हड्डियआ इनको ,
ईसी ज़हॉलत से अपनी सेहत बनाली है,,
एक बार फिर इनकी ओकात बतओगे,
जमीन खोज लो इनको कन्हा दफनओगे,


अनुभव

मेरी यह रचना समर्पित है अन्ना के महान यज्ञ को,,,

मेरी यह रचना समर्पित है अन्ना के महान यज्ञ को,,,

ये अश्वमेघ यज्ञ है,,,
तूरगं मुक्त हो गऐ,,
राजत्व के सुरंग से ,,
भुजंग मुक्त हो गऐ,
ये जंग इति के हास की ,,
प्रचंड अट्टहास की,,
सत्ताधीश हो चुके,
दानवो के नाश की,,
रक्त अभिषेक हो,,
सशक़्त प्रतिशोध हो,,
जन के लोकपाल को
तंत्र के सवाल को
सुना ही,,दे ,,,सुना ही,,दे
जनतंत्र की,,यह आरती,,,

अनुभव

महंगाई,,,,,,

महंगाई,,,,,,
\
जनतंत्र तेरे बाजार में
ना रोटी ,
ना कपड़ा,,
ना मकान,,,
ईतना महंगा
जो जी ना सके आम आदमी,,

यह मुद्दा पाक साफ़ है
तेरे बाजार में
सबसे महंगा
इंसाफ है,,,इंसाफ है,,,इंसाफ है,,,

जो देर से और अँधेर से मिलता है,,
नीलामी में बिक्रता है,,
होता नहीं ,,लेकिन होते हुए दिखता है,,,

अनुभव

???आम आदमी???

???आम आदमी???

आवाक है सियासत,, ये रंग देख कर,,,
इतना बदल गया क्यूं,, आम आदमी,,

सब कुछ मेंरे हावाले ,कर चुपचाप सो गया था,,,
कीसने तुझे ऊठाया,,ऐ आम आदमी ,,,

इतना तुझे मिला है,,फिर सड़को में क्यूं खड़ा है,
किस बात से खफा है,ये आम आदमी ,,,

यह राष्ट्र द्रोह होगा,,संविधान में लिखा है,,
कभी प्रश्न भी ऊठाता है ???आम आदमी???

अनुभव

मैं छिपकली,,

मैं छिपकली,,

दीवार पे खीली ,ईक कली,,,,
मैं छिपकली,,
उलटी हुई दुनिया की ,,
सच्चाई देखती हु,,

मैं अपने भाग के कीड़े ,,
निगेल रही हु,,,औ
आदम के बढ़ती भूख की
गहराई देखती हु,,,

जहां बिक् रहा हर रिश्ता
जहां ईमान इतना सस्ता
झूठी ईसानी दंभ की
ऊंचाई देखती हु,,

जो खुदा को बेचता है,
और खुद को पूजता है
ऊस माँटी के पुतले की
खुदाई देखती हु,,,,,,,,,,,

रमन राज के सांप,,,,

रमन राज के सांप,,,,

एक ठिन सांप रीहीस, हहो
चार हाथ लांब रीहीस, हहो
बीमरा तीर जात रीहीस, हहो
मुँसुआ लूकात रीहीस, हहो
सांप मुँसुआ लां बोलीस,,, झन लूका
मुँसुआ चकरा गें,,,सांप तीर आ गें,
बोलीस,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
कैसे मोलां नई खास
तहु हस गा तीजा उपास,,
सांप बोलीस,, नई नीपोर,
दु रूपया के चाऊर खात हो ,,
रोजगार गारंटी माँ कमात हो , ,
तो काबरा काम करबे गा,,
पूंछ टाग सुत जा,,,
रमन के राज माँ खुश रहो,,,
मुँसुआ बोलीस,,,,,,,,हहो

हैप्पी तीजा

अनुभव,

मराठी बघवा,,,,,,,,,,के चिल्वास,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,



रमण बोलिस बिक्रम उसेंडी ला,,
बाघ ला मरवा देश निपोर ,,,
रास्ट्रीय पशु ला बचाना हे ,,
समझ में नै आये तोर ,,,
उसेंडी किथे ,,कका,,
एक ठन बघवा बर अतका चिल्वास ,,
छत्तीसगढ़िया मनखे के करत रिहिस सत्यानाश ,,
पकड़ा जा बोलेन तो खाल्हे कोती खसक दिश
समझाय बर गिश तेन अधिकारी ला हबक दिस ,,
वोहा बघवा नई ,,साले कुकुर लागथे,,
पगलाय कुकुर ,,एसेने चाबथे,,,,,,,,,
तंहू कका ,,बघवा बर अतका टेशनियाये हस
नक्सली मन मारे हे बोल देबो ,,कान्हा लगाये हस,,
रमण बोलिश परबुधिया ,,,मोला बाघ के टेंशन लुवाट रिहिश
मराठी बघवा ला मारेव कई के ,, गडकरी जी गरियात रिहिश ,,,
एकर सेती काली जुआर ,,मोला नागपुर बुलाय हवय,,
ताबीज बनाय बर बघनखा मगवाय हवय
झट ले ओकर कर इन्त्तेजम ,,
चल निकल ,,,जय श्री रामं,,,,,,

अनुभव ,,,,,