मंगलवार, 27 सितंबर 2011

छत्तीसगढ़ में एक बाघिन की न्रिशंश हत्या पर ,,,

छत्तीसगढ़ में एक बाघिन की न्रिशंश हत्या पर ,,,,,,,,,,,,,

तेरा निजाम है ,इन्सां
सारा संसार तेरा है,
ये नदिया , ये जंगल ,,ये पर्वत 
सब घर द्वार तेरा है,,,
सगोन तेरे हैं हर साल तेरा हैं,
सरकार तेरी है ,,,और भगवान तेरा है ,,,
क्या यह भूल थी मेरी ,,जो तेरे रास्ते आई,,
नहीं यह भूख थी मेरी ,,जिसके वास्ते आई ,,

तेरी सरहद चली आई ,,,हु जानवर आखिर ,,
जो तू दायरा देता ,,,तो भूखी लौट भी जाती ,,,
दुःख यह नहीं ,,,की कुत्ते सी मौत है मारा ,,
दुःख यह बड़ा है ,,आदमखोर कह मारा ,,
मेरी औकात ,,क्या जो तेरा खून भी चख लू 
ये गाली है ,,मेरे शेरत्व को ,, हमारा भी जमीर होता है ,,,
तेरा भगवान है ,,,मेरे हिस्से से बस इतना मांग लीजो ,,,
अगले जनम मोहे शेर न कीजो ,,,,,,,,,,

अनुभव

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