मंगलवार, 27 सितंबर 2011

???आम आदमी???

???आम आदमी???

आवाक है सियासत,, ये रंग देख कर,,,
इतना बदल गया क्यूं,, आम आदमी,,

सब कुछ मेंरे हावाले ,कर चुपचाप सो गया था,,,
कीसने तुझे ऊठाया,,ऐ आम आदमी ,,,

इतना तुझे मिला है,,फिर सड़को में क्यूं खड़ा है,
किस बात से खफा है,ये आम आदमी ,,,

यह राष्ट्र द्रोह होगा,,संविधान में लिखा है,,
कभी प्रश्न भी ऊठाता है ???आम आदमी???

अनुभव

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