मंगलवार, 27 सितंबर 2011

भ्रष्ट मोगली,,,,,,,,,,,,,,

भ्रष्ट मोगली

जंगल जंगल बात चली, पता चल गया,,
चड्डि पहन के फूल खीला,,नेता बना गया,,
अब हर पशु पक्षी शर्मीदा ,,है,
जंगल का माँहोल ईतना गंदा है,,
पेड़ पौधे भी घूस लेते है ,,
पैसे ले के ही फल देते हैं,,
शेर शिकार नही करता है,,
राजा हू कहते हुऐ भी डरता है,,
हिरण भी तभी घास खाता है,,
जब पुरा कमीशन पटाता है
हर एक ओर भ्रष्टाचार है,,
जंगल में भी अब लोकपाल की दरकार है,,,

भ्रष्ट मोगली सब को चूस रहा है जैसे गन्ना,,,
जंगल संकट में है अब आ जाओ अन्ना ,,,

अनुभव

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