शुक्रवार, 6 मार्च 2020

केरोना

मिस्र अभियान के दौर में महान फ्रांसीसी सेनानायक नेपोलियन की सेना में प्लेग का प्रकोप हो गया,,,एक अनजान देश मे प्लेग की गुठलियों से तड़फते मरते सैनिक,,,वो भी तब जब प्लेग के लिए जिम्मेदार जीवाणु की खोज नही हुई थी,,,जब हताश सैनिको ने बीमार सैनिकों की सेवा से इंकार कर दिया ,,तब अचानक एक सुबह नेपोलियन स्वयं एक सैनिक शिविर में पहुचा,,जंहा प्लेग के रोगी भरे पड़े थे,, नेपोलियन ने एक बुरी तरह से बीमार रोगी सैनिक को अपनी बांहो में उठा लिया,,,,और सबको संबोधित करते हुए कहा,,,मैंने प्लेग के कारण का पता लगा लिया है,,,,यह रोग होता है भय से,,,जो कोई इससे डरता है उसपर ये रोग फैलता है,,फिर क्या,,था,,,अपने नायक के सम्बोधन पे यकीन कर,,सैनिक अपने साथियों की सेवा में जुट गए,,और फ्रांस की सेना इस रोग से मुक्त होकर,,मिश्र जीत गई,,, 
             कहने की गरज यह है,,की केरोना वायरस से बने वातावरण में सावधानी बेहद जरूरी है,,पर भय के वातावरण से इससे भला नही हो सकता,,भारत जैसे देश मे यदि ये महामारी फैलती है तो भय से ही मौतें न होने लगे,,इसलिए पूरे विश्वास के साथ इस महामारी का मुकाबला करना होगा,,

1 टिप्पणी:

  1. कहने की गरज यह है, की केरोना वायरस से बने वातावरण में सावधानी बेहद जरूरी है...
    जी सर जान है, तो जहान है।

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