घुरुवा ,,,,,,,
गुरुवार, 20 मार्च 2025
मेरी कविता
एहसासों की पंक्तियां
भावनाओं के छंद
नोंकझोंक के अलंकार
खामोशी के स्वर
खुशियों के बिम्ब
दुखों का रस
तुम्हारी आंखों में
रचती है मेरी कविता
जिस भाव पे मै विभोर रहता हु
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