सोमवार, 23 अप्रैल 2012

सुराज की वेदी ,,बलि चढ़ गए ,,
दो दो बाड़ी गार्ड,,
छुट जायेंगे ,,,कलेक्टर बाबु ,,
पाएंगे अवार्ड ,,,,

अधिकारी के बदले चाहे ,,
जितने छूटे अपराधी ,,,
होनहार आईएस है वह ,,
अभी हुई है शादी ,,

कलेक्टर की बीवी के आंशु से ,,
भीग गया अखबार ,,,
मुस्कुराते हुए बोले संपादक ,,
जाएगी सरकार

गार्ड मरे जो ,,,कीड़े थे वो ,,
उनका क्या परिवार ,,,
दो लाख का मुवावजा तय है ,,
जितने चाहे मार ,,,,,

मार्क्स के चेलो की भी गोली ,,
अधिकारी ,,मंत्री पहचाने ,,,
विस्फोट में उड़ गया आम सिपाही ,,
नेता बच गया देश बचाने,,,,,,,,

ग्राम सुराज या लाल सुराज ,,
अलग जरूर है बोली ,,,
पर बड़े बचेंगे माल उड़ाने
तेरे हिस्से में दर्द की गोली ,,,
अनुभव शर्मा

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