कभी बढ़ी तोन्द से टपकती थी रईसी,,अनुभव ऐप्स गिन कर तो मजदूर तय होत थेे , आज रईसों ने पसीना बहा कर ऐप्स बना लिए,,, और मजदूरों ने दो रूपये के चावल से फुला ली तोंद ,,,,
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