मुल्क में आतंकी फांसी पे ही झूलेगा सम्वेदनाओं के झूले में नही गुनाह अदालतें तय करेगी मजहबी कुनबें नही भाई हो या भाईजान सरहद पार से दुआयें लें असला नही ,,, बीइंग ह्यूमन ,,,, दिस इस मेटर ऑफ़ जस्टिस फूहड़ मनोरंजन का मसला नही
अनुभव
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