दिन गए जब ओहदे के ,जलाल थे अनुभव अब तो यूँ नोकरी ,करते नही बचाते है
पेशानी के पशीने से तेरा वेतन निचुड़ता है और वो पूछते है साहब कितना कमाते है अनुभव
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