सिरपुर
एक शहर जो सदियो पहले
माटी ओढ़ के सोया था
एक शहर जो इतिहास गर्भ में
विस्मृत हो कर खोया था
लो जाग उठा
महानदी का जल छीच
उठ खडे हुऐ
मन्दिर विहार
पुनः उसी निर्वाण भाव से
फिर मुसका दिए तथागत
ज्यो जल छूटा जलोहरि से
झनझना उठी घण्टियाँ
शिव देवालयों कि
सिरपुर,, यथावत
सम्बोधि का आसन् लेकर
यूँ बैठ गया है
अनुभव शर्मा
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