इस विजय अभियान पर संघटन को समर्पित है मेरी ये पंक्तिया.....
"संगठन के संग से " सहयोग और उमंग से अर्श के उत्कर्ष को जब उठ गये संघर्ष को लक्छ वांछित मिल गया हर हृदय ज्यो खिल गया नई दिशा अभी शेष है "जो मन्जता रहे वही मजिस्ट्रेट है" अनुभव
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