योगी बनिस राजा,,ता पलट दिस कहिनी रोमियो किथें जूलियट ल पावँ परत हो बहिनी,,,
जेन मजनू मुहब्बत के दरिया सुखाय,,अब शेक्सपियर के हीरो,,संग उठक बैठक लगाय
कुँवारा मनखे के इही रिथे बाय हम निही पायन ता कोनो नही पाय
अनुभव
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें