पतझड़ कटे ,,तो सावन आवे पात झड़े,,नवकोपल छाये क्रूर सही,,परिवर्तन सच है कुदरत रंग बदलती जावे,, नुक्सान में नफा क्यूँ है खफा इस दफा,, सोनम गुप्ता नही है बेवफा,,,,,,
अनुभव
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