रविवार, 13 मार्च 2016

माँ ने उसे चुना
पिता खुश थे
भाई खुश था
परिवार भी
फिर इक रोज
जब अग्नि के चारो ओर
हम घुमे,,लगा
मैं ,,,जिंदगी ले आया
अपने घर की ,,रसोई से

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