शनिवार, 20 फ़रवरी 2016

नया सबक

नया सबक,,, सीधे जे एन यु से

आतंकी भी इंसान है
आदर दो आभार दो
लोकतन्त्र गर सच्चा है तो
अभिव्यक्ति का अधिकार दो
उसकी गोली भी व्यर्थ न हो
उसकी गाली भी व्यर्थ न हो
विरोध का एक तरीका है
विश्वविद्यालय में संस्कार दो
प्रगतिशीलता कहती है
बुद्धिजीविता कहती है
सूली पे चढ़ी शहादत को
श्रद्धा का उपहार दो
मेरे देशप्रेमियों,,,अब
अफजल को भी थोडा प्यार दो,,,,

अनुभव

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें