बुधवार, 24 जून 2015

बहु मत

बहु मत समझो
कि दब जाए
जवाब मांगेगी
जब चाहे,,,,
वादों के फेरो में
डेहरी चढ़ी
मिजाज भाँप कर
न बिदक जाए
सालों के सपने
रोज की हकीकत
से टकराने लगे है
कि ,,कंही मधुशाला पे ताला
न लग जाए
अनुभव

शनिवार, 6 जून 2015

बिटिया


बहुत कुछ है बदलने को ओ मेरी बिटिया
तेरे हिस्से नव निर्माण को संसार फैला है

गुरुवार, 4 जून 2015

जहर

फिजा में घुला है ज़हर
अब श्वास लेना भी निषेध है
जांच जारी है ,,तब तक;
मिलावट के लिए खेद है

अनुभव