सोमवार, 5 अक्तूबर 2015

करू हे 22

भरे बिहिनिया घर के अंगना अब
टेटकू पियत हे दारु
जंहा खोलिस चेप्टी के ढकना
चरर्स ले पड़ गे झारू,,,यहा काय रे

तैं अभी ले नई समझे रे रोगहा,,,,(बीबी)
करू हे पापा ये हर भारी करू हे(बेटा कहता है)

मस्त मझनिया बिकट थकासी
टेटकू के टोटा सुखागे
बोतल खोल के मारिस पालथी
खेत खार बग्या गे ,,यहा काय रे

करू हे रे ये हर भारी करू हे( खेत से लोग पथरा मारते है)

संझा जात ले लुका छिपा के
टेटकू  पहुचिस  मशान
अक़्क़ेला में होही सेटिंग
साले सब होंगे विद्वान,,,(धूंगीया छूटत हे)

यहा काय रे,,,,,,

हीही हीही हीही ,,,,,,(कब्र से तातु का भूत निकलता है)

करू हे रे बेटा ,,ये हा भारी करू हे

बाई जाग गे,,गावँ जाग गे
जाग गे ,,,बस्ती टोला
जिनगी ला करुवाये बर
बेटा ! नई पीना हे तोला

हओ ददा अब नई पीना हे मोला(बोतल तोड़ता है)

नशे के खिलाफ जंग
लड़ेंगे एक संग,,,,...

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