बुधवार, 4 मार्च 2015

पीरा के फसल

हपट हपट के रेंगे ह़ो,,,
गारी संग रोटी खायेव ह़ो ,,
जिनगी के अरचन बांचे  हे ,,
तो मन्हू कन्हा सिराय ह़ो ,,

मिहनत के बादर नै बरसिस,,,
माथा ले  पानी पलोय ह़ो
किस्मत  के छाती जोते ह़ो ,,,
पीरा के फसल उगायेव ह़ो ,,

अनुभव

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें