सोमवार, 10 दिसंबर 2012

बिदेसी मन ले डर नयी लगे साहब ,,अपने मन ही मारत हे ,,,

न वालमार्ट के आये ले ,,
न पेप्सी पिजा खाए ले ,,
देश के भट्टा बैठे हे ,,,
टेबुल तरी के कमाई ले ,,,

जनता मरत महंगाई ले ,,
पाछु के उधारी चुकाय ले ,,
पैसा बचाही तभे वालमार्ट जाही 
लुवाठ होही ऍफ़ डी आई ले ,,,

अनुभव
अपोजिसन मने बिरोध ,,

संसद भीतरी कुकुर कटैया,,
अस माते कुहूराम हे ,,
हाँथ हा सबो के कालर तिरत ,,
कमल के लग गिस काम हे ,,,

मायावती टेटकी कस बदलिस ,,
लोटा धरिस औ मुलायम नहक दिस ,,
सी बी आयी ,ले पोटा काम्पिस
ता ऍफ़ डी आई ला सलाम हे ,,,,,,

लोकतंत्र के मंदिर भीतरी ,,
गाडा भर भगवान हे ,,
सबो करत ,, जनता के चिंता ,,
फेर पब्लिक काबर परेशान हे ,,,

अपन सरकार में हहो किथे ,,
विपक्छी बने माँ नै लो किथे ,,,
काला चुनबे ,,सबो पलटिया ,,
सिरतोन भारत महान हे ,,,,,,,???

अनुभव