मंगलवार, 27 सितंबर 2011

छत्तीसगढ़ में एक बाघिन की न्रिशंश हत्या पर ,,,

छत्तीसगढ़ में एक बाघिन की न्रिशंश हत्या पर ,,,,,,,,,,,,,

तेरा निजाम है ,इन्सां
सारा संसार तेरा है,
ये नदिया , ये जंगल ,,ये पर्वत 
सब घर द्वार तेरा है,,,
सगोन तेरे हैं हर साल तेरा हैं,
सरकार तेरी है ,,,और भगवान तेरा है ,,,
क्या यह भूल थी मेरी ,,जो तेरे रास्ते आई,,
नहीं यह भूख थी मेरी ,,जिसके वास्ते आई ,,

तेरी सरहद चली आई ,,,हु जानवर आखिर ,,
जो तू दायरा देता ,,,तो भूखी लौट भी जाती ,,,
दुःख यह नहीं ,,,की कुत्ते सी मौत है मारा ,,
दुःख यह बड़ा है ,,आदमखोर कह मारा ,,
मेरी औकात ,,क्या जो तेरा खून भी चख लू 
ये गाली है ,,मेरे शेरत्व को ,, हमारा भी जमीर होता है ,,,
तेरा भगवान है ,,,मेरे हिस्से से बस इतना मांग लीजो ,,,
अगले जनम मोहे शेर न कीजो ,,,,,,,,,,

अनुभव

मीतान ,,,,,,दिवस

मीतान ,,,,,,दिवस

मुनगा अऊ खेड़हा,,,ऐके समान
जैसे रमन अऊ जोगी ,,बदे हे मीतान
एक हे गुतूर ,
दूसर हा टाथ,,,
एक मसाल हा भूजाथै ,,
दूसर ला अमटहा पकाथै,,
ऐला बिहीनया खा,,,
ओहा रात में मीठाथै,,
आने हे साग,,
आने सुवाद,,,
तभो ले बनथ हे अपन अपन काम
तो ,,बदे हे मीतान ,बदे हे मीतान ,,

अनुभव,,,

संसद में गदागदी,,,

संसद में गदागदी,,,

संसद में खेलथ है गदागदी खेल,,
सिन्हा हा माकन के निकाल दिश तेल,,
कांग्रेस के पीठ मा चररस ले लागीश,,
येदियुरप्पा के पीरा शीला दीक्षित मा बूतागीश,,
सबो हैं नंगरा जेती पाय मार,,
तै ओला पटक तै ओला कचार,,
काम के बेरा मा कुकुर असन कुकवाथो,,
चीलवाश करे के घलो रोजी पाथो,,

बाहीर अऊ भीतरी दुनो कोति सकेल,,
संसद में खेलथ है गदागदी खेल,,,

अनुभव

अन्ना ,,,,चाऊर ला नीमार

अन्ना ,,,,चाऊर ला नीमार

अन्ना ये चाऊर ला नीमार दे,,
गोटी अऊ पत्थरा डोहार दे,,
मुंड़ी पीराथ है सरकार के,
ओकरे मुंड़ी मा कचार दे,,

दियार असन चाटथ है देश ला ,,
गरावा असन खावत है खेत ला,,
बोड्डी मे बोजाए हे अमरीत,,,
सनजोर होके लेबे नेत ला,,
एके बान मार,,सबो कोती फार,,
तहा ले बहरी लेके बोहार दे,,,,
अन्ना ये चाऊर ला नीमार दे,,

अनुभव

भ्रष्ट मोगली,,,,,,,,,,,,,,

भ्रष्ट मोगली

जंगल जंगल बात चली, पता चल गया,,
चड्डि पहन के फूल खीला,,नेता बना गया,,
अब हर पशु पक्षी शर्मीदा ,,है,
जंगल का माँहोल ईतना गंदा है,,
पेड़ पौधे भी घूस लेते है ,,
पैसे ले के ही फल देते हैं,,
शेर शिकार नही करता है,,
राजा हू कहते हुऐ भी डरता है,,
हिरण भी तभी घास खाता है,,
जब पुरा कमीशन पटाता है
हर एक ओर भ्रष्टाचार है,,
जंगल में भी अब लोकपाल की दरकार है,,,

भ्रष्ट मोगली सब को चूस रहा है जैसे गन्ना,,,
जंगल संकट में है अब आ जाओ अन्ना ,,,

अनुभव

एभरी बैला,,, हैप्पी पोला,,

एभरी बैला,,, हैप्पी पोला,,

जहा बिहाव होगें,,जोता गीस बैला
तोला आऊ मोला हैप्पी पोला
डऊका ठेठरी, असन मुँरकुटा जाथै,,
सबो सुख ,,खूर्मी असन सुखा जाथै,,
जेन सुख बाच गीस ओ ला,,
तिजा ऊपास मा फरहार शंग खा जाथै
सबो कोती ईही हाल,जांजगीर जा या न्नैला
जहा बिहाव होगें,,जोता गीस बैला

अनुभव

कमल विहार के,लीला,,,,

कमल विहार के,लीला,,,,

गांजा पी के,बोधन के मुंड़ी फिरगें
पत्थरा माँ हपटगें,, खातू घुरवा माँ गिरगें,,
एकसाल गें ले अशोढीया साँप के पूंछि पकड़ के बाहिर आईस,,
तो का पायीस,,,,कमल विहार,,,,
चारओ मुंड़ा गांव बदलगें हमार,,
चार लेन के पक्की सड़क,
मारे तड़क-भड़क
खेतखार माँ डुप्लेक्स तनगें
पंचायत भवन तीर मॉल बनगें,,
नवा बगीचा नवा स्कूल
तरीया ऊपर बनगें क्लब आऊ स्विमिंग पूल,,
ईहि ला कहींथै चमत्कार,,
भारी विकास कर दीस रमन सरकार,
पर विकास तोर,लीला
कहु छाबड़ाहाउस,,कहु अग्रवालसदन,,कहु शर्मा विला,,
विकास के नाम ले गांव मा शहर अमा गें,,
फेर दूकालू, समारू,सुकवारो कहा गें,,
कमल विहार ,,तोर अत्याचार मा,,
अपनधरती ले
छत्तीसगढ़ीया सीरा गें,,,,

अनुभव

नवा तीरीथ,,,,बैंकॉक, पॅटाया, ,,

नवा तीरीथ,,,,बैंकॉक, पॅटाया, ,,


कल के गंजेड़ी बोधन
आज गांव भर मा छाये हे
दु गाड़ा धान बेचके,,,
नवा तीरीथ करके आये हे,,

रमऊ पूंछिस
केती गें रेहेश भाया ,,
अऊ कन्हा,,,
बैंकॉक,अऊ पॅटाया,,
का लाईस बोधन,,,थाई बाथ $
का पाईस बोधन,,,थाई बाथ ???
देश भर मा भगवान बुद्ध के राज हे,
परसाद मा बढ़ीया थाई मसाज हे,,
दु बोतल जल अऊ बालू धर के लाये हे
वाकीग स्त्रीट के ,,परिक्रमा करके आये हे,,
अगला फेरा माँरे बर,
गांव के हर मनखे तैयार
सबो तीरीथ एक बार
बैंकॉक, पॅटाया,
बार,बार

अनुभव,,,,

नवा तीरथ बैंकाक पटाया

नवा तीरीथ,,,,बैंकॉक, पॅटाया, ,,

कल के गंजेड़ी बोधन
आज गांव भर मा छाये हे
दु गाड़ा धान बेचके,,,
नवा तीरीथ करके आये हे,,

रमऊ पूंछिस
केती गें रेहेश भाया ,,
अऊ कन्हा,,,
बैंकॉक,अऊ पॅटाया,,
का लाईस बोधन,,,थाई बाथ $
का पाईस बोधन,,,थाई बाथ ???
देश भर मा भगवान बुद्ध के राज हे,
परसाद मा बढ़ीया थाई मसाज हे,,
दु बोतल जल अऊ बालू धर के लाये हे
वाकीग स्त्रीट के ,,परिक्रमा करके आये हे,,
अगला फेरा माँरे बर,
गांव के हर मनखे तैयार
सबो तीरीथ एक बार
बैंकॉक, पॅटाया,
बार,बार

अनुभव,,,,

छत्तीसगढ़ईया मधु शाला,,,,,,,,

छत्तीसगढ़ईया मधु शाला,,,,,,,,

मुनत चेपटी,,मोहन अदधी,,चखना गौरी शंकर हे,,
बाचे मंत्री एके पैग हे,,रमन सिंह हा बम्पर हे,,,
ड़ीसपोसल धर ले छत्तीसगढ़ईया,,,
बोहावत हे बिकास के हॉला ,,,
चारो मुंड़ा मस्त रहो अब
छत्तीसगढ़ बन गें मधु शाला,,,,,,,,

अनुभव,,,,,

जमीन खोज लो ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

दबी जूबा से कब तक चिल्लाओ गे ,,
हवा तेज है कभी बाहर तो आओ गे,,
अब लगी सड़ने सियासत की लास,,,
जमीन खोज लो इनको कन्हा दफनओगे,

वे लोकतंत्र पे बिल बिलआते कीड़े हैं,,
हमारे ज़ख्म से उनका उदर भरर्ता हैं,,,,
वे पिशाच हैं खादी का कफन ओढए हूए,,
हमारा खून ही उनके देह पे चड्ढर्ता हैं,,
कब तक रोओगे,छटपटओगे,,
जमीन खोज लो इनको कन्हा दफनओगे

,क्यों जीते हो अंधेरो मे,,,
ज़हॉकी रोशनी स्वानओ ने चुरा ली है,,
हमने डाली है हड्डियआ इनको ,
ईसी ज़हॉलत से अपनी सेहत बनाली है,,
एक बार फिर इनकी ओकात बतओगे,
जमीन खोज लो इनको कन्हा दफनओगे,


अनुभव

मेरी यह रचना समर्पित है अन्ना के महान यज्ञ को,,,

मेरी यह रचना समर्पित है अन्ना के महान यज्ञ को,,,

ये अश्वमेघ यज्ञ है,,,
तूरगं मुक्त हो गऐ,,
राजत्व के सुरंग से ,,
भुजंग मुक्त हो गऐ,
ये जंग इति के हास की ,,
प्रचंड अट्टहास की,,
सत्ताधीश हो चुके,
दानवो के नाश की,,
रक्त अभिषेक हो,,
सशक़्त प्रतिशोध हो,,
जन के लोकपाल को
तंत्र के सवाल को
सुना ही,,दे ,,,सुना ही,,दे
जनतंत्र की,,यह आरती,,,

अनुभव

महंगाई,,,,,,

महंगाई,,,,,,
\
जनतंत्र तेरे बाजार में
ना रोटी ,
ना कपड़ा,,
ना मकान,,,
ईतना महंगा
जो जी ना सके आम आदमी,,

यह मुद्दा पाक साफ़ है
तेरे बाजार में
सबसे महंगा
इंसाफ है,,,इंसाफ है,,,इंसाफ है,,,

जो देर से और अँधेर से मिलता है,,
नीलामी में बिक्रता है,,
होता नहीं ,,लेकिन होते हुए दिखता है,,,

अनुभव

???आम आदमी???

???आम आदमी???

आवाक है सियासत,, ये रंग देख कर,,,
इतना बदल गया क्यूं,, आम आदमी,,

सब कुछ मेंरे हावाले ,कर चुपचाप सो गया था,,,
कीसने तुझे ऊठाया,,ऐ आम आदमी ,,,

इतना तुझे मिला है,,फिर सड़को में क्यूं खड़ा है,
किस बात से खफा है,ये आम आदमी ,,,

यह राष्ट्र द्रोह होगा,,संविधान में लिखा है,,
कभी प्रश्न भी ऊठाता है ???आम आदमी???

अनुभव

मैं छिपकली,,

मैं छिपकली,,

दीवार पे खीली ,ईक कली,,,,
मैं छिपकली,,
उलटी हुई दुनिया की ,,
सच्चाई देखती हु,,

मैं अपने भाग के कीड़े ,,
निगेल रही हु,,,औ
आदम के बढ़ती भूख की
गहराई देखती हु,,,

जहां बिक् रहा हर रिश्ता
जहां ईमान इतना सस्ता
झूठी ईसानी दंभ की
ऊंचाई देखती हु,,

जो खुदा को बेचता है,
और खुद को पूजता है
ऊस माँटी के पुतले की
खुदाई देखती हु,,,,,,,,,,,

रमन राज के सांप,,,,

रमन राज के सांप,,,,

एक ठिन सांप रीहीस, हहो
चार हाथ लांब रीहीस, हहो
बीमरा तीर जात रीहीस, हहो
मुँसुआ लूकात रीहीस, हहो
सांप मुँसुआ लां बोलीस,,, झन लूका
मुँसुआ चकरा गें,,,सांप तीर आ गें,
बोलीस,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
कैसे मोलां नई खास
तहु हस गा तीजा उपास,,
सांप बोलीस,, नई नीपोर,
दु रूपया के चाऊर खात हो ,,
रोजगार गारंटी माँ कमात हो , ,
तो काबरा काम करबे गा,,
पूंछ टाग सुत जा,,,
रमन के राज माँ खुश रहो,,,
मुँसुआ बोलीस,,,,,,,,हहो

हैप्पी तीजा

अनुभव,

मराठी बघवा,,,,,,,,,,के चिल्वास,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,



रमण बोलिस बिक्रम उसेंडी ला,,
बाघ ला मरवा देश निपोर ,,,
रास्ट्रीय पशु ला बचाना हे ,,
समझ में नै आये तोर ,,,
उसेंडी किथे ,,कका,,
एक ठन बघवा बर अतका चिल्वास ,,
छत्तीसगढ़िया मनखे के करत रिहिस सत्यानाश ,,
पकड़ा जा बोलेन तो खाल्हे कोती खसक दिश
समझाय बर गिश तेन अधिकारी ला हबक दिस ,,
वोहा बघवा नई ,,साले कुकुर लागथे,,
पगलाय कुकुर ,,एसेने चाबथे,,,,,,,,,
तंहू कका ,,बघवा बर अतका टेशनियाये हस
नक्सली मन मारे हे बोल देबो ,,कान्हा लगाये हस,,
रमण बोलिश परबुधिया ,,,मोला बाघ के टेंशन लुवाट रिहिश
मराठी बघवा ला मारेव कई के ,, गडकरी जी गरियात रिहिश ,,,
एकर सेती काली जुआर ,,मोला नागपुर बुलाय हवय,,
ताबीज बनाय बर बघनखा मगवाय हवय
झट ले ओकर कर इन्त्तेजम ,,
चल निकल ,,,जय श्री रामं,,,,,,

अनुभव ,,,,,